Thursday, April 7, 2011

शाहपुर में शिक्षा का दीप मेनन

& स्वतंत्र मिश्र

दलित और पिछड़ों के बच्चों में वैज्ञानिक चेतना की नींव रखने में जुटे कृष्ण मेनन बड़ी ईमानदारी के साथ अपने काम में लगे हुए हैं। बिहार में जहां शिक्षा की स्थिति बहुत अच्छी नहीं हैA वहां उनका प्रयास कुछ परिवारों में शिक्षा की रोशनी जला रहा है।

ज्ञान&विज्ञान प्रसार न्यास की स्थापना मेनन ने अपने 17 साथी न्यासियों के साथ मिलकर 30 नवंबर 2002 में की। इस न्यास के तहत पटना से दक्षिण 8 किलोमीटर की दूरी पर शाहपुर गांव में नर्सरी से लेकर पांचवीं तक के बच्चों के लिए स्कूल 19 जनवरी 2003 से ही चलाया जा रहा है। इस स्कूल में आस&पास के गांव के लगभग 125 बच्चे पढ़ते हैं। इन बच्चों से हर महीने ३०&40 रुपये की फीस ली जाती है। आर्यभट्ट ज्ञान&विज्ञान विद्यालय एवं संस्कृति केन्द्र के बच्चों के लिए फी चुकाना कोई अनिवार्य नहीं है। यहां यूनिर्फाम भी बच्चों के इच्छा और उनके अभिभावकों के भरोसे ही छोड़ दिया गया है। यहां चार शिक्षक हैं। शिक्षक की योग्यता कम से कम स्नातक है। स्कूल के शुरू होने से लेकर पिछले कई सालों तक फंड के अभाव में कई बार बंद करने तक की नौबत आ गई थी। ऐसे मुसीबत के क्षणों में न्यासियों ने कई बार अपनी पूरी तनख्वाह या अपनी बचत में से निकाल कर स्कूल और न्यास को डूबने से बचाया है। अब स्कूल के पास कॉरप्स फंड एक लाख रुपये हैं। 5 कंप्यूटर] कई खेलों के साजो&सामान हैं। यहां के पुस्तकालय में छात्रों और शिक्षकों के काम की 1000 से भी ज्यादा किताबें हैं। बहुत शानदार एजुकेशन किट और बच्चों के मनोविज्ञान] सामाजिक चेतना और विज्ञान पर आधारित बहुत सारी फिल्मों की सीडी ओर डीवीडी भी हैं। हाल ही में न्यास ने एक बहुत अच्छा फिल्म प्रोजेक्टर भी खरीदा है। संस्थापक मेनन की योजना इससे बहुत आगे निकलने की है। वह अब स्कूल को दो पालियों में चलाना चाहते हैं। लेकिन सवाल उठता है कि उसके लिए फंड की व्यस्था कैसे हो पाएगीA इस सवाल के जवाब में वे कहते हैं कि हम लोगों ने पिछले आठ सालों के दौरान किसी सरकारी या गैर सरकारी संस्थानों से पैसे नहीं लिए है। लेकिन हमारी योलना के लिए कॉरप्स फंड के तौर पर 5 लाख रुपये की जरूरत होगी। इसके लिए हम दिल्ली के नगर निगम के स्कूलों में जाएंगें। प्रोजेक्टर पर फिल्म दिखाएंगें और उनसे मदद की अपील करेंगे। मुझे उम्मीद है कि हमारे मिशन को लोग समझेंगे और उसे पूरा करने में भरपूर सहयोग देते रहे हैं और देते रहेंगे।

न्यास ने पिछले दो सालों से साल में चार मेमोरियल व्याख्यान का आयोजन करना शुरू कर दिया है। ये चारों व्याख्यान वैज्ञानिक व दार्शनिक जेसी बोस] राहुल] डीडी कौशाम्बी और रामानुजम के नाम पर कराए जाते हैं। मेनन का कहना है कि इन व्याख्यान माला के माध्यम से देश के बहुत सारे बुद्धिजीवी समुदाय के लोगों का जुड़ना हो रहा है। न्यास को भरोसा है कि बुद्धिजीवी देश में कायम अंधेरगर्दी को कम करने के लिए इस तर्कसम्मत काम को जरूर आगे बढ़ाना चाहेंगे।


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